सागर में प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों की जांच में खुलासे
सागर नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों को किराए पर चढ़ाने वालों पर बड़ी कार्यवाही शुरू कर दी है। सोमवार को सुबह-सुबह छत्रसाल राजीव आवासीय कॉलोनी, बागराज वार्ड में नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री खुद टीम के साथ पहुंचे।
मकानों का निरीक्षण और खुलासे
आयोजन स्थल पर घर-घर जाकर पूछताछ की गई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई आवंटित मकानों में असली लाभार्थी नहीं रह रहे थे। ये मकान किराए पर दिए गए थे।
जांच में विशेष रूप से दो नगर निगम कर्मचारियों पर irregularities पाई गईं। टैक्स कलेक्टर शिवकुमार प्यासी के नाम पर पांच आवास आवंटित थे, जो सभी किराए पर चल रहे थे। गोपाल रैकवार पर भी यही आरोप सिद्ध हुआ। मौके पर आयुक्त ने दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया।
नगर निगम की टीम ने छत्रसाल कॉलोनी के 1248 मकानों का सर्वे किया। इसमें केवल 524 परिवार ही पात्र और वास्तविक निवासरत पाए गए। बाकी मकानों में या तो किराएदार रह रहे थे या आवंटित व्यक्ति कहीं और निवास कर रहे थे।
निगम की कार्यवाही और आगे की योजना
आयुक्त खत्री ने स्पष्ट किया कि योजनाओं का लाभ केवल असली जरूरतमंदों को मिलना चाहिए। अपात्र पाए गए सभी मकानों को निगम के अधिपत्य में ले लिया गया है। नगर निगम कुछ समय बाद कैंप लगाकर इन लोगों की पात्रता की पुनः जांच करेगा।
जिन किराएदारों को वाकई मकान की जरूरत है, उन्हें दस्तावेज और शेष राशि जमा कराकर पुनः आवंटन दिया जा सकता है। लेकिन जो लोग योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन पर लगातार कार्यवाही जारी रहेगी। आयुक्त ने साफ कहा कि जो भी आवास किराए पर दिए गए हैं, वे तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जा रहे हैं। निगम कर्मचारियों की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कॉलोनी में हड़कंप
इस कार्यवाही के बाद कॉलोनी और नगर निगम में हड़कंप मच गया। लोग अब सोचने पर मजबूर हैं कि अगला नंबर किसका हो सकता है।
निरीक्षण में यह भी पता चला कि कॉलोनी में विद्युत और अन्य सुविधाओं में कई अनियमितताएं थीं। निगम इन समस्याओं के समाधान के लिए कैंप लगाएगा। पात्र हितग्राही इन सुधारों से सीधे लाभान्वित होंगे।
