🩺 उज्जैन में फर्जी डॉक्टर का कारनामा: इलाज के नाम पर नवजात की मौत, दो अस्पताल सील – आरोपी तैयबा शेख फरार
उज्जैन। उज्जैन में फर्जी इलाज के चलते नवजात की जान जाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। घटना के पूरे सात दिन बाद पवासा थाना पुलिस ने आरोपी फर्जी डॉक्टर तैयबा शेख पर एफआईआर दर्ज की है।
स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई तेज करते हुए पहले आशीर्वाद हॉस्पिटल और अब फ्रीगंज स्थित विशेष अस्पताल को भी सील कर दिया है। हालांकि आरोपी महिला डॉक्टर अभी भी फरार बताई जा रही है।
⚠️ घटना की शुरुआत 2 अक्टूबर से
यह पूरा मामला 2 अक्टूबर से शुरू हुआ था। चिंतामण क्षेत्र निवासी लखन मालवीय की पत्नी काजल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे शासकीय जीवाजीगंज अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां मौजूद एक कार्यकर्ता ने उन्हें डॉक्टर तैयबा शेख का नंबर और पता दे दिया।
इसके बाद तैयबा ने मकसी रोड, पवासा क्षेत्र स्थित आशीर्वाद हॉस्पिटल में काजल का चेकअप किया और बिना किसी रिपोर्ट के दावा किया कि बच्चे के हाथ-पैर नहीं बने हैं। फिर वह महिला मरीज को फ्रीगंज के विशेष अस्पताल ले गई और दोपहर 1 बजे भर्ती कर लिया।
💉 इलाज के नाम पर खिलवाड़
इलाज के नाम पर काजल को खून की बोतल चढ़ाई गई, लेकिन उसकी तबीयत और बिगड़ती चली गई। जब परिजनों ने छुट्टी की मांग की तो तैयबा ने डराते हुए कहा कि “पेट में जहर फैल जाएगा, बड़े अस्पताल ले जाना होगा। इसके बाद वह अपने अस्पताल ले गई और अचानक परिजनों को वहीं छोड़कर फरार हो गई। बाद में काजल को एसए कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी सामान्य डिलीवरी हुई लेकिन नवजात की जान नहीं बच सकी।
🔍 जांच में खुला फर्जीवाड़ा
परिजनों ने मामले की शिकायत थाने और स्वास्थ्य विभाग दोनों जगह की। जांच में सामने आया कि तैयबा शेख डॉक्टर नहीं है —
उसके पास न कोई मेडिकल डिग्री, न रजिस्ट्रेशन, और न ही क्लीनिक चलाने की अनुमति थी। वह फर्जी रजिस्ट्रेशन के सहारे अस्पताल और मेडिकल स्टोर दोनों चला रही थी। पिछले 6 महीनों में दो नवजातों की मौत के मामले उसके खिलाफ दर्ज हो चुके हैं।
🚨 प्रशासन की कार्रवाई और लापरवाही
पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे हैं, क्योंकि शिकायत दर्ज होने के पूरा सात दिन बाद कार्रवाई शुरू हुई। स्वास्थ्य विभाग ने अब उसके ठिकानों पर निगरानी बढ़ा दी है। फिलहाल आरोपी फरार है, लेकिन विभाग का दावा है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया “शिकायत मिली थी कि दशहरा के दिन अस्पताल में महिला चिकित्सक मौजूद नहीं थी। वहां फर्जी चिकित्सक तैयबा शेख ही इलाज कर रही थी, जिसके इलाज से नवजात की मौत हुई।इसी शिकायत के आधार पर विशेष अस्पताल को सील किया गया है। इससे पहले आशीर्वाद हॉस्पिटल को भी सील किया जा चुका है।
📌 निष्कर्ष
यह मामला उजागर करता है कि शहर में फर्जी डॉक्टरों का नेटवर्क कितना खतरनाक रूप ले चुका है।
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि बिना रजिस्ट्रेशन और अनुमति के क्लीनिक या अस्पताल चलाने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी।
फिलहाल उज्जैन पुलिस और स्वास्थ्य विभाग आरोपी तैयबा शेख की तलाश में जुटे हैं।


